Memory kya hai:- सभी के फ़ोन, लैपटॉप में स्टोर होने वाले डाटा मेमोरी में जाता है। आप सोचते होंगे, मेमोरी क्या है? मेमोरी डाटा स्टोर करने के लिए कंप्यूटर, मोबाइल और बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में इसका प्रयोग किया जाता है। यह सिस्टम में आने वाले सरे टेम्पेरोरी और परमामेंट डाटा को स्टोर करने का काम करता है। यह सिस्टम के डाटा स्टोर का मुख्या भाग होता है। जिसको मेमोरी कहा जाता है। बहुत सरे आने वाले डाटा इनफार्मेशन को किसी कंप्यूटर सिस्टम के प्रोसेसिंग होने के बाद मेमोरी में स्टोर करके रखा जाता है।
आप जब भी कंप्यूटर सिस्टम में किसी भी तरह के फाइल और सॉफ्टवेयर को चालू करते समय आप के फाइल इसी मेमोरी पर काम करते है। मेमोरी के अलावा यह कंप्यूटर सिस्टम में पर प्रोग्राम को रन करने भी बहुत जायदा सहायक है। मेमोरी दो प्रकार के होते है। जिसमे प्रथमिक और सेकंडरी मेमोरी होते है। यही मेमोरी किसी सिस्टम को चलने और उसके प्रोग्राम को रन करना में मुख्या भूमिका निभाते है।

Table of Contents
मेमोरी के प्रकार (Types of memory)
Memory ke prkar:- मेमोरी मुखयत: दो प्रकार की होते है।
- प्राथमिक मेमोरी
- सेकंडरी या सहायक मेमोरी
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प्राथमिक मेमोरी या मेन मेमोरी क्या है (primary memory)
मेन मेमोरी क्या है:- प्राथमिक मेमोरी को ही मेन मेमोरी कहा जाता है, किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के सुरु होने के बाद इसपर डाटा को रखा जाता है। यह मेमोरी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट पर काम करती है। इस मेमोरी में डाटा सिस्टम के चालू होने तक ही रखा जाता है। कंप्यूटर के बंद हो जाने के बाद इसमें से डाटा ख़त्म हो जाते है। जब तक कंप्यूटर में पावर सप्लाई चालू रहते है। तब तक यह मेमोरी में डाटा स्टोर रहते है। इसके कंप्यूटर को बूट करने के समय भी यही मेमोरी का प्रयोग होता है।
प्राथमिक मेमोरी के प्रकार (Types of primary memory)
प्राथमिक यानि प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार के होते है।
- RAM रैम(Random Access Memory)
- ROM रोम(Read Only Memory)
RAM (रैम)
जब कोई एप्लीकेशन प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर किसी सिस्टम कंप्यूटर पर सुरु किये जाते है। तो इस मेमोरी पर सरे प्रोग्राम रन करते है। इसको ही रैम कहते है। जैसे- हम किसी कंप्यूटर पर जॉब कोई गेम चालू करते है। तो गेम के सरे चालू प्रोग्राम कंप्यूटर के रैम पर काम करते है। और जब हम कंप्यूटर से गेम बंद करते है। तो रैम से गेम के फाइल ख़त्म हो जाते है। यह टेम्पररी मेमोरी जैसे काम करते है, अगर हम कोई वीडियो कंप्यूटर पर चलते है। तो उस वीडियो के सरे फाइल रैम के ऊपर आ जाते है। और जबतक वीडियो चलते है। रैम चालू रहते है।
- RAM का पूरा नाम:- Random access memory
ROM (रोम)
रोम भी कंप्यूटर की मेमोरी की तरह काम करते है। लेकिन जब तक कोई कंप्यूटर सिस्टम चालू रहते है। इस मेमोरी पर डाटा सेव रहते है। यह कंप्यूटर सिस्टम एप्लीकेशन को पढ़ने के काम में आते है। और इस मेमोरी बिजली चले जाने के बाद डाटा बंद हो जाते है। यह उस समय से काम सुरु कर डाटा है। जब से कंप्यूटर के सिस्टम बूटिंग चालू होते है।
- ROM का पूरा नाम:- Read only memory
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सहायक मेमोरी या दुतियक मेमोरी (secondary memory)
Secondary मेमोरी में डाटा को बहुत जायदा पड़े पैमाने पर रखा जा सकता है। इसमें डाटा को सेव रख सकते है। इस प्रकार के मेमोरी में डाटा हमेसा सेव रहता है। अगर इलेक्ट्रिक सप्लाई को बंद कर देते है। तब भी सेकंडरी मेमोरी में सेव डाटा सुरछित रहता है। और जब कंप्यूटर सिस्टम को चालू किया जाता है उस समय यह डाटा को प्राप्त किया जा सकता है।
सेकेंडरी मेमोरी में वीडियो, फाइल, फोटो, पीडीऍफ़, सॉफ्टवेयर, किसी भी प्रकार के डाटा को रखा जा सकता है। और इस प्रकार के डाटा भी बहुत जायदा प्रयोग में लाये जाते है। यह मेमोरी आने वाले समय में इसके साइज और बनावट में बदलाव किया गए है। पहले डाटा को रखने के लिए CD का प्रयोग किये जाता है। आज कल डाटा को सुरछित करने के मेमोरी के जगह पेनड्राइव आ गए है। जहा आप अपने डाटा को असनी से रख सकते है।
सेकंडरी मेमोरी के प्रकार (Types of secondary memory)
समय समय पर आने वाले मेमोरी उसके साइज और डिज़ाइन के हिसाब से इसको बाटा गया है। मेमोरी पहले बहुत बड़े साइज में होते थे। जिससे कंप्यूटर सीटें में बहुत जायदा जगह लेते है। समय समय पर इस मेमोरी के साइज और छमता को सही किया गया। और आज मेमोरी की स्टोरेज भी बहुत जायदा हो गए है। वही कंप्यूटर मेमोरी की साइज भी कम कर दी गयी है।
सेकंडरी मेमोरी के प्रकार निम्न है
- मैगनेटिक टेप (Magnetic Tape)
- फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
- हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard disk drive)
- कॉम्पैक्ट डिस्क (Compact disk)
- डिजिटल वीडियो डिस्क, DVD (Digital video disk)
- पेन ड्राइव (Pen drive)
- मेमोरी कार्ड (Memory card)
- पोर्टेबल हार्ड ड्राइव (Portable hard drive)
मैगनेटिक टेप (Magnetic Tape)
मैगनेटिक टेप 50 से 2400 फ़ीट के रिल से बना टेप होता था। इस रील पर डाटा को लाइट के द्वारा रेकॉर्ड किया जाता था। इसकी साइज बड़ी होती थी। और डाटा स्टोरेज सांख्या कम होता था। यह टेक्नोलॉजी पुरानी हो चुकी है। और इस प्रकार के मेमोरी टेप का प्रयोग फोटो, वीडियो रखने के काम आते थे। इसके रील पर स्क्रैच लग जाने पर यह खराब हो जाते थे। जिससे इसको ज्यादा समय तक नहीं प्रयोग किया गया।
फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
यह मैगनेटिक टेप के रील से बना होता था। और धूल से बचने के लिए इसको आयताकार सरचना में इसको रखा जाता है। इस मेमोरी स्टोरेज छमता 1.4 MB तक की होती है। और इसका प्रयोग डाटा और वीडियो को सुरछित रखना होता है। बहुत सरे फ्लॉपी डिस्क को मिलाकर एक डिस्क के रूप में बनाकर इसके स्टोरेज छमता बढ़ाया जा सकता है।
हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard disk drive)
यह मैग्नेटिक मैटेरियल से बना डिस्क जो तेजी से राउंड घुमता है। और इसके स्टोरेज छमता भी अधिक होता है। इस प्रकार के डिस्क में डाटा को बैकअप का ऑप्शन आप को मिल जाते है। और इसमें आप किसी भी प्रकार के सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को रखा जा सकता है। इस प्रकार के मेमोरी में बिना इनस्टॉल किये सॉफ्टवेयर को आसानी से रखा जा सकता है। और इसको अपने कंप्यूटर में इनस्टॉल भी करा सकता है। यह दो प्रकार के होता है। इंटरनल हार्ड डिस्क ड्राइव और एक्सटर्नल हार्ड डिस्क ड्राइव। इन दोनों मेमोरी का प्रयोग इसके नाम से ही सपस्ट है।
कॉम्पैक्ट डिस्क (Compact disk)
कॉम्पैक्ट डिस्क को CD के नाम से जाना जाता है। यह डिस्क गोल आकृति का होता है। और इसके ऊपर कोटिंग लगे होते है। जिसपर किसी भी डाटा को रखा जाता है। यह कंप्यूटर में लगे सेंसर से पढ़ा जाता है। इस प्रकार के मेमोरी में स्टोरेज छमता बहुत ही अधिक होता था। और इस प्रकार के मेमोरी या डिस्क में वीडियो, ऑडियो, इमेज, फाइल,प्रोग्राम को रखा जा सकता है। और यह बहुत सरे सॉफ्टवेयर को भेजने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के डिस्क आज भी मार्किट में सॉफ्टवेयर सेल्ल करने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है।
पेन ड्राइव (Pen drive)
इस प्रकार के मेमोरी में इलेक्ट्रॉनिक डाटा को रखा जा सकता है। और जरूरत पड़ने में डाटा को मिटाया जा सकता है। इसपर डाटा को कभी भी मिटा और नयी डाटा को रखा जा सकता है। इसके स्टोरेज छमता भी बहुत अधिक होता है। और इसके साइज भी काम होते है। जिससे यह मेमोरी पर्सनल डाटा को रखने में बहुत जायदा उपयोगी हुयी। और इसके यूजर की संख्या भी बहुत जयदा बढ़ी। इसकी छमता 32gb मेमोरी, 64gb मेमोरी, 16 GB तक रही।
मेमोरी कार्ड (Memory card)
मेमोरी कार्ड पेन ड्राइव का नया रूप था। और इसमें डाटा स्टोरेज छमता भी बहुत अधिक था। इसके साइज भी छोटे थे। जिससे यह पेन ड्राइव को रेप्लस कर दिया सभी लोगो द्वारा मोबाइल मेमोरी कार्ड का प्रयोग करने लगे और। इसके द्वारा ही डाटा का आदान प्रदान किया जाने लगा। आज सबसे जायदा डाटा ट्रांसफर के लिए मेमोरी का प्रयोग किया जाता है।
पोर्टेबल हार्ड ड्राइव (Portable Hard drive)
इसमें डाटा स्टोरेज 128 जीबी मेमोरी, 1TB मेमोरी तक किया जा सकता है। इसको बहुत सरे नए नए सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन के डाटा को स्टोरेज करने के लिए किया जाता है। और इस प्रकार के कंप्यूटर मेमोरी को बहुत जायदा आजकल प्रयोग किया जा रहा है।
नोट:- हमने आज इस लेख में मेमोरी क्या है (Memory kya hai) और मेमोरी के प्रकार के बारे में पूरी जानकारी दी है। जिसमे प्राइमरी मेमोरी, सेकेंडरी मेमोरी के बारे में जानकरी दी है। अगर आप को कंप्यूटर मेमोरी के बारे में कोई सवाल है। तो निचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है।
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